चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: हिमाचल प्रदेश में एससी, एसटी और ओबीसी छात्रों की छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। चंडीगढ़ जोनल कार्यालय और शिमला ईडी की संयुक्त टीम ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) 2002 के तहत हिमालयन ग्रुप की 18.27 करोड़ रुपये मूल्य की पांच अचल संपत्तियां कुर्क कर दी हैं। इनमें मां सरस्वती एजुकेशनल ट्रस्ट के नाम पर हिमाचल प्रदेश में रजिस्टर्ड 125 बीघा जमीन, पंचकूला में स्थित दो फ्लैट और कालाअंब में स्थित हिमालयन ग्रुप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूशंस शामिल हैं। इससे पहले करीब 15 दिन पहले ईडी ने इसी मामले में हिमालयन ग्रुप के एमडी के भाई को गिरफ्तार किया था, जो फिलहाल शिमला जेल में बंद है।
यह घोटाला 2013 से 2017 के बीच सामने आया था, जब केंद्र सरकार द्वारा एससी, एसटी और ओबीसी छात्रों के लिए जारी 181 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति में हेरफेर किया गया। सीबीआई ने इस मामले में हिमाचल प्रदेश के 29 शिक्षण संस्थान संचालकों के खिलाफ धोखाधड़ी के दो मामले दर्ज किए थे। बाद में ईडी ने भी इस घोटाले में धन शोधन का मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
ईडी की जांच में सामने आया कि हिमालयन ग्रुप की संपत्तियां छात्रवृत्ति घोटाले से जुड़े धन से खरीदी गई थीं। इसी आधार पर ईडी ने सिरमौर जिले के नाहन में मां सरस्वती एजुकेशनल ट्रस्ट के नाम पर रजिस्टर्ड 125 बीघा जमीन को कुर्क किया है। इसके अलावा पंचकूला में ट्रस्टी प्रीति बंसल और ऋचा बंसल के नाम पर रजिस्टर्ड दो फ्लैट और कालाअंब स्थित हिमालयन ग्रुप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूशंस को भी जब्त किया गया है। ईडी की कार्रवाई के बाद इस घोटाले में शामिल अन्य संस्थानों पर भी शिकंजा कसने की संभावना है।